अब Trinidad & Tobago में भी चलेगा UPI
भारत की डिजिटल क्रांति को मिला नया साथी Trinidad & Tobago ने UPI को अपनाया
भारत के विकसित Unified Payments Interface (UPI) को अब Trinidad & Tobago ने भी अपनाकर अपने देश के डिजिटल इकोसिस्टम में शामिल कर लिया है। यह पहला कैरेबियाई देश है जिसने भारत की इस उन्नत और सुरक्षित डिजिटल भुगतान प्रणाली को लागू किया है।
अब भारत और Trinidad & Tobago मिलकर India Stack जैसे अन्य डिजिटल समाधानों जैसे कि DigiLocker, e-Sign, और GeM (Government e-Marketplace) को भी साझा करने की दिशा में काम करेंगे।
PM Modi की ऐतिहासिक यात्रा 25 साल बाद हुआ उच्चस्तरीय दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 और 4 जुलाई 2025 को Trinidad & Tobago की आधिकारिक यात्रा की। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 1999 के बाद पहली द्विपक्षीय यात्रा थी।
इस मौके पर PM Modi ने देश को UPI को अपनाने पर बधाई दी और इसे दोनों देशों के लिए आर्थिक और तकनीकी दृष्टि से “Game Changer” बताया।
अब कुल 8 देशों में चल रहा है UPI
Trinidad & Tobago के साथ अब UPI अपनाने वाले देशों की संख्या 8 हो गई है:
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🇫🇷 France
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🇧🇹 Bhutan
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🇲🇺 Mauritius
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🇳🇵 Nepal
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🇸🇬 Singapore
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🇱🇰 Sri Lanka
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🇦🇪 UAE
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🇹🇹 Trinidad & Tobago
नोट इन देशों में UPI की सुविधा फिलहाल चुनिंदा मर्चेंट आउटलेट्स पर उपलब्ध है, लेकिन आने वाले समय में इसका दायरा और भी बढ़ेगा।
भारतीयों को कैसे मिलेगा फायदा?
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भारतीय पर्यटक अब Google Pay, PhonePe जैसे UPI ऐप्स के ज़रिए सीधे अपने भारतीय बैंक अकाउंट से भुगतान कर सकेंगे।
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NRI और लोकल नागरिक UPI के ज़रिए भारत में सीधे पैसा ट्रांसफर भी कर सकेंगे।
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यह सुविधा दोनों देशों के वित्तीय लेनदेन को तेज, सुरक्षित और सुलभ बनाएगी।
भारत–Trinidad & Tobago के बीच हुए 6 बड़े समझौते
PM Modi की यात्रा के दौरान 6 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जो इन प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देंगे:
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कृषि (Agriculture)
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स्वास्थ्य सेवाएं (Healthcare)
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डिजिटल ट्रांजिशन
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UPI एकीकरण
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कौशल निर्माण (Capacity Building)
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जनता-से-जनता संपर्क (People-to-People Contact)
Trinidad & Tobago ने भारत से अपने Land Records System को डिजिटल करने के लिए तकनीकी सहयोग भी मांगा है।
भारत और Trinidad & Tobago के रिश्तों की नींव 1962 से
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31 अगस्त 1962 को Trinidad & Tobago को स्वतंत्रता मिली और उसी वर्ष भारत के साथ राजनयिक संबंध शुरू हुए।
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तब से दोनों देशों के बीच व्यापार, संस्कृति और तकनीकी सहयोग लगातार मजबूत होता गया है।
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इस डिजिटल साझेदारी से अब द्विपक्षीय संबंधों को 21वीं सदी की नई ऊंचाइयों पर ले जाने की शुरुआत हो चुकी है।