ब्याज दरों में कटौती पर ट्रंप और फेड चेयरमैन पावेल आमने-सामने

ब्याज दरों में कटौती

वॉशिंगटन डीसी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को फेडरल रिजर्व से ब्याज दरों में तत्काल कटौती की मांग की। उनका कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है, मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और ऊर्जा की कीमतों में गिरावट आ रही है, इसलिए यह सही समय है मॉनेटरी पॉलिसी को लचीला बनाने का।

ट्रंप ने कहा, “रोजगार की गति तेज है, और महंगाई कम हो रही है। पावेल को राजनीति नहीं करनी चाहिए, अब निर्णय लेने का वक्त है।”

ब्याज दरों में कटौती

फेड चेयरमैन पावेल की प्रतिक्रिया टैरिफ से बढ़ेगा जोखिम

वहीं दूसरी ओर, फेड चेयरमैन जेरोम पावेल का रुख पूरी तरह अलग है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर टैरिफ बढ़ने से महंगाई और बेरोजगारी दोनों में इजाफा हो सकता है। ऐसे में ब्याज दरों में कटौती फिलहाल उपयुक्त नहीं होगी।

पावेल ने कहा, “बाजार में इस समय अनिश्चितता का माहौल है। किसी भी जल्दबाज़ी से अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर पड़ सकता है।”

ग्लोबल मार्केट पर पड़ा असर, निवेशक असमंजस में

ट्रंप की टैरिफ नीति और ब्याज दरों पर दबाव के बीच, अमेरिकी और वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई है। डाव जोन्स, नैस्डैक और S&P 500 सभी में व्यापक गिरावट आई है। निवेशकों के बीच असमंजस की स्थिति है—एक ओर टैरिफ का दबाव और दूसरी ओर ब्याज नीति को लेकर अस्थिरता।

ब्याज दरों में कटौती

क्या होगा सोमवार को बाजार का रुख?

अब सभी की नजरें सोमवार को खुलने वाले बाजार पर टिकी होंगी। क्या ट्रंप की मांग और पावेल की सतर्कता के बीच कोई संतुलन निकल पाएगा, या बाजार में गिरावट और गहराएगी? निवेशक फिलहाल सतर्क हैं और किसी भी पॉलिसी संकेत का इंतज़ार कर रहे हैं।

निष्कर्ष

ब्याज दरों पर ट्रंप और पावेल के मतभेद, टैरिफ की आक्रामक नीति, और वैश्विक बाजार में अनिश्चितता—ये सभी फैक्टर अगले सप्ताह अमेरिकी और भारतीय बाजारों को प्रभावित कर सकते हैं। ट्रेडर्स और निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे कम रिस्क प्रोफाइल के साथ काम करें और मार्केट की दिशा स्पष्ट होने तक सतर्कता बरतें।

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