US-China Trade Talks
चीन ने अमेरिका के साथ व्यापारिक वार्ता फिर से शुरू करने को लेकर बेहद साफ रुख अपनाया है। बीजिंग ने ऐसे 11 ठोस बिंदु सामने रखे हैं जिन पर सहमति बने बिना बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही।
1. आदरपूर्ण रवैये और बयानबाज़ी पर लगाम की मांग
बीजिंग ने साफ किया है कि अगर अमेरिका ईमानदारी से ट्रेड डायलॉग चाहता है, तो उसके वरिष्ठ मंत्रियों को चीन विरोधी अपमानजनक टिप्पणियों से बचना होगा। बातचीत तभी संभव है जब दोनों पक्ष एक-दूसरे के प्रति सम्मानपूर्ण रवैया अपनाएं।
2. नीतियों में स्थिरता और स्पष्टता हो जरूरी
चीन का कहना है कि अमेरिकी नीति में बार-बार बदलाव से विश्वास का माहौल बिगड़ता है। व्यापारिक रिश्तों में स्थिरता बनाए रखने के लिए वाशिंगटन को स्थिर और स्पष्ट नीति रुख अपनाना होगा।
3. ताइवान और प्रतिबंधों पर गंभीरता से विचार की शर्त
ताइवान मुद्दे को लेकर चीन ने दो टूक कहा है कि अमेरिका को उसकी सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से लेना होगा। साथ ही, तकनीकी और अन्य क्षेत्रों में लगाए गए प्रतिबंधों पर भी पुनर्विचार ज़रूरी है।
4. प्रभावशाली प्रतिनिधि की नियुक्ति की मांग
बीजिंग चाहता है कि अमेरिका ऐसा प्रतिनिधि नियुक्त करे जिसे सीधे राष्ट्रपति ट्रंप का समर्थन हो और जो दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच संभावित शिखर बैठक की जमीन तैयार कर सके।
5. टैरिफ ने व्यापार को पहुंचाया नुकसान
ट्रंप प्रशासन ने चीन से आयातित अधिकांश उत्पादों पर 145% तक टैरिफ लगा दिए हैं। कुछ मामलों में यह दर 245% तक पहुंच चुकी है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार लगभग ठप होने की कगार पर है।
6. चीनी जनता कर रही है जवाबी कार्रवाई का समर्थन
चीन में अब आम जनता भी अमेरिका के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया चाहती है। यह जनभावना राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार पर दबाव बना रही है कि वो अमेरिका के वार्ता प्रस्ताव को सख्ती से नकार दे।
7. चुप्पी को स्वीकृति माना जाएगा
बीजिंग का मानना है कि यदि अमेरिकी अधिकारी चीन के खिलाफ तीखे बयान देते हैं और ट्रंप इस पर चुप रहते हैं, तो यह उनकी मौन स्वीकृति मानी जाएगी। ऐसी स्थिति में विश्वास की बहाली मुश्किल होगी।
8. JD Vance के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया
3 अप्रैल को अमेरिकी उपराष्ट्रपति JD Vance ने चीनी नागरिकों को ‘peasants’ कहकर अपमानित किया। उन्होंने Fox News पर ट्रंप की टैरिफ नीति का समर्थन करते हुए यह बयान दिया, जिसे चीन ने “हैरान करने वाला और अफसोसनाक” बताया है।
9. सोशल मीडिया पर अमेरिकी नेता का मज़ाक
चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर JD Vance की ग्रामीण पृष्ठभूमि का मज़ाक उड़ाया जा रहा है। यूज़र्स ने लिखा कि अगर चीन के लोग किसान हैं, तो ये दुनिया के सबसे एडवांस्ड किसान हैं, जो AI और हाई-स्पीड रेल जैसी तकनीकों में आगे हैं।
10. NVIDIA H20 Chip बैन से बढ़ा Tech War
हाल ही में अमेरिका ने NVIDIA की H20 चिप की चीन को बिक्री पर रोक लगा दी है, जिससे टेक्नोलॉजी वॉर और तीखा हो गया है। यह कदम चीन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
11. शिखर वार्ता की सफलता के लिए उच्च-स्तरीय समन्वय ज़रूरी
बीजिंग ने स्पष्ट किया है कि यदि शी जिनपिंग और ट्रंप के बीच शिखर बैठक होनी है, तो उसमें राष्ट्रपति स्तर के अधिकृत प्रतिनिधियों के जरिए ही गंभीर बातचीत संभव है।