वोडाफोन आइडिया शेयर प्राइस टारगेट वित्तीय स्थिति, हाल का प्रदर्शन

वोडाफोन आइडिया के शेयर का हालिया प्रदर्शन

भारतीय टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया, जो कि बड़े कर्ज में डूबी हुई है, के शेयर आज बाजार में चर्चा का विषय बने रहे। गुरुवार के शुरुआती कारोबार में इसके शेयर में 2.5% की बढ़त देखने को मिली और यह 7.55 रुपये के इंट्रा डे उच्च स्तर पर पहुंच गया। बुधवार को इसका क्लोजिंग प्राइस 7.37 रुपये था। इस वृद्धि का मुख्य कारण सितंबर तिमाही के नतीजे हैं, जिनमें घाटा कम हुआ है, जिससे निवेशकों का थोड़ा विश्वास लौटा है।

वोडाफोन आइडिया

जेपी मॉर्गन का टारगेट प्राइस और विशेषज्ञों की राय

जेपी मॉर्गन ने वोडाफोन आइडिया के शेयर पर न्यूट्रल रेटिंग बनाए रखी है और 10 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इस परिप्रेक्ष्य में, बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि घाटा कम हुआ है, लेकिन कंपनी की भारी कर्ज स्थिति और प्रबल प्रतिस्पर्धा के कारण इसमें आगे भी अनिश्चितता बनी रह सकती है।

52-वीक का उच्चतम और न्यूनतम स्तर

  • न्यूनतम स्तर 7.32 रुपये
  • उच्चतम स्तर 19.15 रुपये

हाल का प्रदर्शन (गिरावट)

वोडाफोन आइडिया

  • पिछले 5 दिनों में 6% की गिरावट
  • एक महीने में 18% की गिरावट
  • पिछले छह महीनों में 43% की गिरावट
  • YTD (वर्ष की शुरुआत से) 55% की गिरावट
  • पिछले सालभर में 46% की गिरावट

कंपनी की वित्तीय स्थिति

  1. घाटा
    सितंबर तिमाही में वोडाफोन आइडिया का घाटा घटकर 7,175.9 करोड़ रुपये रह गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 8,746.6 करोड़ रुपये था। घाटे में यह कमी कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार का संकेत देती है, परंतु कर्ज का भार अभी भी बड़ा चिंता का कारण है।

  2. एकीकृत राजस्व
    इस तिमाही में कंपनी का एकीकृत राजस्व 1.8% बढ़कर 10,918.1 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि में 10,714.6 करोड़ रुपये था। इससे संकेत मिलता है कि कंपनी की कमाई में हल्का सुधार हुआ है।

  3. परिचालन राजस्व
    तिमाही के दौरान परिचालन राजस्व 10,932.2 करोड़ रुपये पर रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 10,716.3 करोड़ रुपये था।

विश्लेषण और निष्कर्ष

हालांकि वोडाफोन आइडिया ने अपने घाटे में सुधार किया है, कंपनी के बड़े कर्ज और प्रतिस्पर्धा की स्थिति को देखते हुए इसमें निवेश पर विचार करना थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, लंबी अवधि के निवेशकों को तब तक सतर्क रहना चाहिए जब तक कि कंपनी की वित्तीय स्थिति और कर्ज की समस्या में सुधार के ठोस संकेत न दिखें।

जेपी मॉर्गन का टारगेट प्राइस 10 रुपये पर सेट है, जिससे स्पष्ट होता है कि विशेषज्ञ फिलहाल इसे लेकर बहुत अधिक आशान्वित नहीं हैं और निवेशकों को सतर्क रुख अपनाने की सलाह दे रहे हैं।

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